श्री 1008 देवारामजी महाराज के उपदेश
नशा के प्रति
देह सूं राखो दूर नशों देश रो नाश हैं
परतक अवगुण पूर दाखो देवाराम यूँ।।
रूलगा राजा रईस, कंगाल होगा क्रोडपत
खरो दाऊ खईस दाखे देवाराम यूं
धोबो धोबो धूर पङे दारूङिया पुरूष रे
नर रो गमावे नूर दाखे देवाराम यूं
दारू मोटो दोश इणने मती अरोगजो
हुवे न पिओ होश दागल करो ने देह ने
जीवन धन ले खोश दाखे देवाराम यूं
रोवे दिन अर रेण अमली रो अर्धागना
बोले अबका बेण दाखे देवाराम यूं
अमल न खावो आप डोडो सूं दुरा रहों
पले व बांधोपाप दाखे देवाराम यूं
नशो देशरोनाश मिटगा कई महिपति
बणिया काल रा ग्रास दाखे देवाराम यूं
होवे निज रो हण पाडोसी पतला पङे
नशो नाम नुकसान दाखे देवाराम यूं
दारू रा लाख दोश गधो पिये न गिडकडो
जबक जितो है जोश दाखे देवाराम यूं
बोलो श्री देवारामजी महाराज की
नशा के प्रति
देह सूं राखो दूर नशों देश रो नाश हैं
परतक अवगुण पूर दाखो देवाराम यूँ।।
रूलगा राजा रईस, कंगाल होगा क्रोडपत
खरो दाऊ खईस दाखे देवाराम यूं
धोबो धोबो धूर पङे दारूङिया पुरूष रे
नर रो गमावे नूर दाखे देवाराम यूं
दारू मोटो दोश इणने मती अरोगजो
हुवे न पिओ होश दागल करो ने देह ने
जीवन धन ले खोश दाखे देवाराम यूं
रोवे दिन अर रेण अमली रो अर्धागना
बोले अबका बेण दाखे देवाराम यूं
अमल न खावो आप डोडो सूं दुरा रहों
पले व बांधोपाप दाखे देवाराम यूं
नशो देशरोनाश मिटगा कई महिपति
बणिया काल रा ग्रास दाखे देवाराम यूं
होवे निज रो हण पाडोसी पतला पङे
नशो नाम नुकसान दाखे देवाराम यूं
दारू रा लाख दोश गधो पिये न गिडकडो
जबक जितो है जोश दाखे देवाराम यूं
बोलो श्री देवारामजी महाराज की
✍ जगदीश आँजणा खेतलावास
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